विवस्वान् व्रत आषाढ़ शुक्ल सप्तमी को किया जाता है।
कथा ---
------ ब्रह्मपुराण के अनुसार इसी दिन भगवान सूर्यदेव " विवस्वान् " के नाम से प्रसिद्ध हुए थे।अतः इसी उपलक्ष्य मे यह व्रत किया जाता है।
विधि --
------ व्रती प्रातः नित्यकर्म से निवृत्त होकर उपवास पूर्वक रथचक्र सदृश गोलाकार मण्डल की रचना करे।फिर उसमे विवस्वान् नाम से भगवान सूर्यदेव की विधिवत् पूजा करे।
माहात्म्य --
---------- इससे व्रती को भगवान सूर्य नारायण की असीम अनुकम्पा प्राप्त होती है।
No comments:
Post a Comment