Wednesday, 23 March 2016

नवरात्र व्रत

          नौ रात्रियों के समूह को नवरात्र कहा जाता है।ये प्रतिवर्ष चार बार होते हैं ; जो चैत्र ; आषाढ़ ; आश्विन और माघ शुक्ला प्रतिपदा से नवमी तक माने जाते हैं।इनमे से चैत्र और आश्विन मास के नवरात्र विशेष प्रसिद्ध हैं।इनमे भी आश्विन मास का शारदीय नवरात्र का विशेष महत्त्व है।
कथा --
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          देवीपुराण के अनुसार कोसलदेश के राजाओं ने प्रत्येक ग्राम मे देवी-मन्दिरों का निर्माण कराया।इससे पूरे देश मे देवी-पूजा का व्यापक प्रचार हुआ।महाराज सुबाहु ने भी काशी मे असंख्य मन्दिरों का निर्माण कराकर उनमे दुर्गा देवी की प्रतिमा स्थापित की।काशी-निवासी भगवान विश्वनाथ जी की भाँति दुर्गा देवी का भी पूजन करने लगे।उसी समय से इस धरातल पर भगवती दुर्गा जी विख्यात हो गयीं और सभी वर्णों मे भवानी ही सबकी पूजनीया हो गयीं।अतः शरत्काल मे नवरात्र-व्रत अवश्य करना चाहिए।
नोट --
-----    नवरात्र ; देवी-उपासना विधि ; कुमारी-पूजन आदि के विषय मे चैत्र मास मे विस्तार से चर्चा की जा चुकी है।अतः उसे वहीं पर देख लें।

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