शास्त्रीय मान्यतानुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चन्द्रमा का दर्शन करना निषिद्ध है।यदि भूलवश कोई व्यक्ति चन्द्रमा को देख ले तो निम्नलिखित श्लोक पढ़ने से दोष शान्त हो जाता है --
सिंहः प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः।।
कथा ---
----- द्वारकापुरी मे सत्राजित् नामक सूर्यभक्त ने सूर्योपासना से स्यामन्तक मणि प्राप्त की थी।एक दिन श्रीकृष्ण ने उस मणि को उग्रसेन को प्रदान करने के लिए कहा परन्तु सत्राजित् ने इनकार कर दिया।एक बार उसका भाई प्रसेनजित् मणि को गले मे धारण कर वन मे शिकार करने गया।वहाँ उसे सिंह ने मारकर मणि ले ली।उसी समय जाम्बवन्त ने सिंह को मारकर मणि छीन ली।
सत्राजित् ने प्रसेनजित् को मारने का कलंक श्रीकृष्ण को लगाया।श्रीकृष्ण ने इस कलंक से बचने के लिए जाम्बवान् को पराजित कर मणि प्राप्त की और सत्राजित् को सौंप दिया।सत्राजित् ने अपनी पुत्री सत्यभामा सहित मणि को श्रीकृष्ण को समर्पित कर दिया।
Thursday, 17 March 2016
चन्द्रदर्शन निषिद्ध
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