भाद्रपद शुक्ला षष्ठी को जो दिन होता है ; उसे भद्र कहा जाता है।इन्हीं भद्र और आदित्य ( सूर्य ) दोनो शब्दों के योग से भद्रादित्य शब्द बनता है।
कथा --
------- इस व्रत का वर्णन भगवान ब्रह्मा जी ने दिण्डी से किया था।
विधि ---
------ इस दिन मध्याह्न काल मे मालती-पुष्प ; विजय-धूप और खीर के नैवेद्य द्वारा सूर्यदेव का पूजन करना चाहिए।बाद मे ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा देनी चाहिए।
माहात्म्य ---
----------- इस दिन उपवास या नक्तव्रत करने से मनुष्य को सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।
No comments:
Post a Comment