यह पर्व आश्विन कृष्ण पक्ष नवमी को मनाया जाता है।जिस प्रकार पुत्र पितृपक्ष मे अपने पिता की मृत्युतिथि पर श्राद्ध करता है ; उसी प्रकार पुत्र-वधुयें भी मातृ नवमी को दिवंगत सास आदि के निमित्त दान ; ब्राह्मणी-भोजन आदि की व्यवस्था करती हैं।इससे दिवंगत मातायें प्रसन्न होकर शुभाशीष प्रदान करती हैं ; जिससे परिवार सुखी और सम्पन्न रहता है।
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