यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष एकादशी को किया जाता है।
कथा --
----- प्राचीन काल मे मुचुकुन्द नामक राजा की पुत्री चन्द्रभागा का विवाह शोभन के साथ हुआ।एक बार शोभन अपनी ससुराल आया।वहाँ एकादशी व्रत करने के लिए ढिंढोरा पिटवाया जा रहा था।अतः शोभन ने भी व्रत किया।किन्तु भूख के कारण उसकी मृत्यु हो गयी।बाद मे उसका जन्म मन्दराचल पर्वत पर स्थित एक नगर मे हुआ।एक बार मुचुकुन्द नगर के एक व्यक्ति ने पर्वतीय नगर मे शोभन को देखा और इसकी सूचना चन्द्रभागा को दी।चन्द्रभागा अपने पति के पास गयी और सुख पूर्वक रहने लगी।यह सब उस एकादशी व्रत का ही प्रभाव था।
विधि --
------ व्रती स्नानादि करके भगवान का पूजन करे।उपवास और रात्रि जागरण के बाद दूसरे दिन पारणा करे।
माहात्म्य --
----------- यह एकादशी बहुत उत्तम एवं सभी पापों का हरण करने वाली है।
Monday, 28 March 2016
रमा एकादशी व्रत
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