Thursday, 17 March 2016

ऋषि पञ्चमी व्रत

            यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष पञ्चमी को किया जाता है।इसमे मध्याह्न-व्यापिनी पञ्चमी ली जाती है।
विधि ---
-------     व्रती महिला को चाहिए कि वह स्नानादि से निवृत्त होकर हल्दी से चौकोर मण्डल बनाये।उस पर सप्तर्षियों ( कश्यप अत्रि भरद्वाज विश्वामित्र गौतम जमदग्नि और वसिष्ठ ) की प्रतिमायें स्थापित कर उनका पूजन करे।फिर विना जोती हुई भूमि से उत्पन्न शाक भक्षण करे।इस प्रकार सात वर्षों तक व्रत करके सात घड़ों पर सातों ऋषियों की स्वर्ण-प्रतिमाओं का पूजन करे।दूसरे दिन सप्तर्षियों के मन्त्रों से एक सौ आठ आहुतियाँ देकर सात ब्राह्मणों को भोजन कराये।
माहात्म्य --
-----------     इस व्रत से सप्तर्षियों की अनुकम्पा प्राप्त होती है।

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