Thursday, 24 March 2016

देवी विसर्जन

           आश्विन शुक्ल पक्ष दशमी को जगज्जननी दुर्गा जी का विसर्जन किया जाता है।व्रती प्रातः स्नानादि करके भगवती का विधिवत् पूजन करे।यदि मिट्टी आदि की प्रतिमा हो तो उसका विधिवत् विसर्जन करे।प्रतिमा को रथ पर विराजमान करके बाजा गाजा के साथ किसी जलाशय के समीप जाये और प्रतिमा को जल मे प्रवेश करा दे।देवी प्रतिमा के समीप बोये गये जौ की कजलिया को भी जल मे प्रवाहित कर दे।देवी जी को अर्पित किये गये उपहार आदि को दान कर देना चाहिए।

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