यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष नवमी को किया जाता है।
कथा --
------ समुद्र-मन्थन से जब लक्ष्मी जी प्रकट हुईं तब उन्हें प्राप्त करने के लिए देवताओं और दैत्यों मे युद्ध छिड़ गया।उस समय लक्ष्मी जी कुछ देर के लिए बिल्व वृक्ष के पास बैठ गयीं।इसीलिए बिल्व वृक्ष को श्रीवृक्ष कहा जाता है।बाद मे विष्णु जी ने सबको पराजित कर लक्ष्मी जी को प्राप्त किया था।
विधि --
------ व्रती स्नानादि करके बिल्व वृक्ष का पूजन करे।फिर सात प्रदक्षिणा कर इस प्रकार प्रार्थना करे ---
श्रीनिवास नमस्तेऽस्तु श्रीवृक्ष शिववल्लभ।
ममाभिलषितं कृत्वा सर्वविघ्नहरो भव।।
इसके बाद ब्राह्मण-भोजन कराकर स्वयं बिना अग्नि मे पका भोजन या फल आदि ग्रहण करे।
माहात्म्य ---
----------- इस दिन श्रीवृक्ष का पूजन करने से मनुष्य सभी सम्पत्तियों को प्राप्त कर लेता है।
Saturday, 19 March 2016
श्रीवृक्ष नवमी व्रत
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