गुरुपूर्णिमा या व्यासपूर्णिमा का पर्व आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है।यह पर्व गुरुतत्त्व की महत्ता को समझने एवं उनके प्रति श्रद्धा-भाव की अभिवृद्धि के लिए मनाया जाता है।हमे हर प्रकार का ज्ञान वेदों एवं पुराणों से प्राप्त होता है।वेदों के व्याख्याता एवं पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास हैं।इस दृष्टि से वे हमारे आदिगुरु हैं।इसलिए इस दिन व्यासपूजन किया जाता है।साथ ही अपने गुरु को भी व्यास जी का अंश मानकर उनका भी पूजन करना चाहिए।
विधि ---
------ प्रातः स्नानादि करके एक चौकी पर वस्त्र बिछाकर ब्रह्म ; ब्रह्मा ; व्यास आदि का आवाहन पूजन करे।तत्पश्चात् अपने दीक्षागुरु की विधिवत् पूजा करे।अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा प्रदान करे शुभाशीष प्राप्त करे।
Saturday, 12 March 2016
गुरुपूर्णिमा ( व्यासपूजा )
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