यह व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी को किया जाता है।इसी दिन चन्द्र षष्ठी व्रत भी होता है।इसमे चन्द्रोदय-व्यापिनी षष्ठी ली जाती है।
कथा --
------ वराहपुराण के अनुसार आश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी को रोहिणी नक्षत्र ; व्यतिपात् योग और मंगलवार हो तो उसे कपिला षष्ठी कहा जाता है।
विधि --
------ व्रती स्नानादि करके उपवास पूर्वक भगवान सूर्यदेव का पूजन करे।उसके बाद ब्राह्मण को कपिला गौ का दान करे।
माहात्म्य ---
----------- इस व्रत के प्रभाव से मनुष्य को यज्ञ के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
आश्विन या भाद्रपद ?
ReplyDeleteकोई संदर्भ है ? मान्यवर !