अपराजिता पूजन आश्विन शुक्ला दशमी को करना चाहिए।
कथा ---
------ स्कन्दपुराण के अनुसार मनुष्य को अपने कल्याण और विजय-प्राप्ति के लिए अपराजिता का पूजन करना चाहिए।नवमी के शेष युक्त दशमी को पूजा करने से जयवर्धिनी अपराजिता देवी मनुष्य को विजय अवश्य प्रदान करती हैं।
विधि --
------ व्रती स्नानादि करके अक्षतों से बनाये गये अष्टदल कमल पर मिट्टी की बनी प्रतिमायें स्थापित करे।फिर ऊँ अपराजितायै नमः से अपराजिता का ; ऊँ क्रियाशक्त्यै नमः से जया का और ऊँ उमायै नमः से विजया का आवाहन एवं पूजन करे।फिर हल्दी से रँगे वस्त्र मे दूर्वा और सरसों रखकर रक्षा बनाये।उसका पूजन कर उसे दक्षिण भुजा मे धारण करे।
माहात्म्य --
----------- इससे मनुष्य सदैव अपराजित रहता है।
Friday, 25 March 2016
अपराजिता पूजन
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कृपया अपराजिता पूजा की पूरी विधी अच्छी तरह से बताएं जिससे मुझे पूजा करने में कोई परेशानी न हो मेरे email-kumarsuraj78969@gmail.com पर भेजें।
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