Friday, 11 March 2016

बिल्व त्रिरात्रि व्रत

          इस व्रत का आरम्भ ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को किया जाता है।इस दिन ज्येष्ठा नक्षत्र एवं मंगलवार हो तो अधिक शुभ होता है।
विधि --
-----     व्रती सर्वप्रथम सरसों मिश्रित जल से स्नान करे।फिर किसी उद्यान मे बिल्ववृक्ष की विधिवत् पूजा करके एक बार भोजन करे।इस प्रकार वर्ष भर प्रत्येक पूर्णिमा को व्रत करे।वर्षान्त मे बिल्ववृक्ष के समीप एक पात्र मे जौ ; गेहूँ ; चावल ; तिल आदि भर दे।दूसरे पात्र मे उमा-महेश्वर की स्वर्ण-प्रतिमा स्थापित करे।उनका विधिवत् पूजन कर प्रार्थना करे।बिल्वपत्र की एक हजार आहुतियाँ देकर न्यूनतम चार दम्पत्तियों को वस्त्र आभूषण दक्षिणा आदि से सन्तुष्ट करे।
माहात्म्य --
-----------    इस व्रत के प्रभाव से भगवान उमा-महेश्वर की कृपा से मनुष्य की समस्त कामनायें पूर्ण हो जाती हैं।

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